#आत्मनिर्भर_भारत …..
कोरोना महामारी भारत के लिए “इष्टापत्ति” है। यानी ऐसी समस्या जिनमे कुछ अच्छा होने का ऐश्वर्य संकेत छीपा हो। 21 वीं सदी जो एशिया की होनी थी वही आज भारत की बनने जा रही है।
विश्व में आज तक तीन Industrial Revolution हुए हैं। पहले दो Industrial Revolution भारत गुलाम होने के कारण चुक गया था। जबकि तीसरे Industrial Revolution में विजनरी नेतृत्व के अभाव में भारत ज्यादा कुछ ना कर पाया। चौथा Industrial Revolution शुरू हो चुका है। और विश्व की सारी बड़ी फिनेंशियल इंस्टिट्यूट और इकोनॉमिस्ट का एक साथ मानना है कि 21वीं सदी एशिया की सदी होगी। एशिया में टकराकर सीधी दो बड़े देशो के बीच में हे, एक भारत और दूसरा चीन। पिछले 30 वर्षों में विकास की हरीफाई में चीन भारत से काफी आगे निकल चुका है। किंतु पिछले 6 महीनो से विश्व जिस तरीके से कोरोना महामारी का साक्षी बना है उससे एक बात तो बहुत स्पष्ट है कि 21वी सदी अब भारत की होने जा रही है।
कोरोना महामारी से पहले विश्व की कुल खपत का महत्तम प्रोडक्शन चीन से होता था। एक तरीके से चीन पूरे विश्व का मैन्युफैक्चरिंग हब है। यूरोप और अमेरिका चीन के सबसे बड़े ग्राहक है। विश्व के बड़े और विकसित देशो की फैक्ट्रीयां भी चीन में है। जिस तरीके से कोरोना चीन के वुहान शहर से पूरे विश्व में फैला है और इनके पीछे चीन की संदिग्ध भूमिका रही है, आज पूरे विश्व समुदाय में चीन के प्रति धृणा की भावना पैदा हई है।
जापान ने चीन स्थित अपनी कंपनियों को तुरंत शिफ्ट होने के लिए 2 बिलियन $ का बजट डिक्लेर कर दिया है। दूसरी ओर भारत के अब तक के सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट DMIC दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का जापान पार्टनर देश है। गुजरात में स्थित धोलेरा स्मार्ट सिटी इन्ही दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत आती है और भारत की पहली ग्रीन फील्ड इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बनने जा रही हैं।
दक्षिण कोरिया और यूरोप के कई सारे देशों ने चीन के सामने कड़क कार्यवाही करते हुए ऐसा ही निर्णय लिया है। USA का रुख भी कुछ ऐसा ही है। अपनी 200 बड़ी कंपनियों को चीन छोड़ने का आदेश दे चुका है।
दूसरी और पूरे विश्व में अमेरिका, ब्राजील, खाड़ी देश और युरोप के विकसित देशों को दवाई, मास्क, आयुर्वेद यहां तक कि डॉक्टरों से लेकर कई सारी मदद भारत की और से की जा रही है। ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स से लेकर यूनाइटेड नेशन और विश्व के दिग्गज लीडर आज न तो हैंडसेक कर रहे हैं और न ही गले मिल रहे हैं किंतु सनातन भारतीय संस्कृति का प्रतिक नमस्ते कर रहे हैं। यानी 21वीं सदी जो एशिया की थी वह आने वाले समय में भारत की होने जा रही है।
इतनी बड़ी जनसंख्या होने के बावजूद पूरे विश्व में कोरोना संक्रमित दर्दी और उनमें मरने वालो की संख्या में भारत का नंबर बहोत पीछे है। भारत की आबोहवा, यहां की लोगों की आदर्श जीवन पद्धति और भारतीयों की बेहतर रोग प्रतिकार शक्ति ने भारत को कोरोना महामारी से बचाने में काफी मदद की है। सब का मानना है कि इस महामारी से भारत सबसे पहले उभर के बाहर आएगा।
यानी कोरोना महामारी पूरे विश्व के लिए समस्या है जबकि भारत के लिए समस्या के साथ-साथ एक उज्जवल भविष्य की सुवर्ण तक लेकर आया है।
32 वर्ष की औशत आयु के साथ भारत विश्व का सबसे युवा देश है। आज चीन की औसत आयु 42 वर्ष और जापान की 44 वर्ष है। पूरे यूरोप के सभी देशों के अवसर आयो 40 वर्ष के करीब है। भारत अगले 20 वर्षों तक न केवल भारत की किंतु पूरे विश्व की इकोनॉमी का ग्रोथ इंजन बनने वाला है।
मोदी सरकार ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए देश के कानूनों में कई बड़े बदलाव किए है। Make in India, startup India, Digital India, जेसी कई सारी महत्वाकांक्षी परियोजना लागू की है। डिफेंस, एयरोनॉटिकल और हेल्थकेयर जेसे कई बड़े सेक्टरों में 100 % तक FDI निवेश की छूट छूट दी गई है। भारत में आ रही नई कंपनियों के लिए आज भारत में सबसे कम 15% और पूरे टैक्स लागू किया है। Bankruptcy and insolvency code जैसे कड़े कानून बनाकर बाहर से आने वाले निवेशकों को सुरक्षित करने का प्रयास किया है। GST – ” One Nation One tax ” लागू कर भारत ने विश्व ” Ease Of Doing Business ” मानक में बड़ी छलांग लगाई है। एक तरीके से चीन से बाहर होने वाली सभी बड़ी कंपनियों को भारत ने अपनी और आकर्षित करने की पूरी तैयारी कर ली है।
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था, कुशल और मजबूत नेतृत्व और सस्ती-स्किल्ड लेबर के कारण भविष्य में विश्व की शिफ्ट हो रही इंडस्ट्री का भारत की और आकर्षित होना स्वाभाविक है। न्यूज़ चैनलों के अनुसार आ रहा है कि विश्व की 1000 से ज्यादा कंपनियां भारत सरकार के संपर्क में हैं और उनको भारत में इनवेस्टमेंट करने में तकलीफ ना हो इसके लिए केंद्र सरकार ने एक विशेष समिति का गठन भी किया है।
भारत विश्व में दूसरी सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। आज भारत की इंडस्ट्रियल इकोनामी आयत पर निर्भर है। भारत में खुद का ही इतना बड़ा सेल्फ कंजर्वेशन है कि कोरोना के चलते वर्ल्ड इकोनामिक क्राइसिस से भारत में इतनी ज्यादा असर होने वाली नहीं।
सन 1929 में विश्व के इतिहास में ” ग्रेट डिप्रेशन ” यानी आर्थिक महामारी आया था तब अमेरिका और यूरोप के देश आर्थिक रूप से टूट गए थे। आज फिर से पूरा विश्व नई ” ग्रेट डिप्रैशन ” की कगार पे खड़ा है। तब हमारा जानना और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है कि विश्व ग्रेट डिप्रेशन से बाहर कैसे निकला था। अमेरिका और यूरोप के देशों ने बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट शुरू किए थे। आज हमें अमेरिका के न्यूयॉर्क, वाशिंगटन शिकागो में बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर दिख रहे है वह सारे तब के ग्रेट डिप्रेशन के दौरान शुरू करें हुए प्रोजेक्ट का ही परीणाम है। जर्मनी या यूरोप के देशों में आज हमें बड़ी और डेवलप सिटी दिख रही है वह सारी उन देशों ने खुद को आर्थिक तोर पे मजबूत बनाने के लिए ग्रेट डिप्रेशन के दौरान ही डेवलोप कि थी।
आज हमें भारत की इकोनॉमी को ताकत देनी है और बड़े पैमाने पर शिक्षित युवाओं को रोजगारी देनी हो तो इंफ्रास्ट्रक्चर के ऐसे ही बड़े प्रोजेक्ट सबसे कारगर उपाय है। पिछले बजट में केंद्र सरकार ने अगले 5 साल में देश में 100 लाख करोड़ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स मैं निवेश करने का निर्णय लिया है। यह ठीक वही संकेत दे रहे हैं जिनकी हम बात कर रहे हैं।
भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री श्रीमान नितिन गडकरी जी के ऑफिस में अमेरिका के भूतपूर्व प्रेसिडेंट का एक स्लोगन लगा है।
“American roads are not good because America is rich,” he quotes. “But America is rich because American roads are good.” – John F Cannady
देश के नीति आयोग के मुखिया अमिताभ कांत ने देश में कइ सारी ग्रीन फील्ड स्मार्ट सिटी और इन शहरों को जोडते हुए दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसे पूरे भारत के ज्यादातर राज्यों को जोड़ते हुए 8 Industrial Corridor बनाने की योजना रखी है।
https://youtu.be/YGNdU_IhQXA Brief video explaining industrial corridor projects in India…..
इन प्रोजेक्टों के ऊपर काम शुरू हो चुका हैं, इनमें सफल होते ही अगले 5 वर्ष में देश का Skill employment आज से 2 गुना, FDI निवेश 3 गुना और देश का Export आज से 4 गुना बढ़ने का अंदाज है। लगातार अगले 20 वर्षो तक देश की GDP 10 के ऊपर रहेगी। और सही अर्थ में भारत पूरे विश्व की इकोनॉमी का ग्रोथ इंजन बनेगा। गुजरात का ” धोलेरा स्मार्ट सिटी ” ऐसा ही एक अहम प्रोजेक्ट है जो श्रीमान अमिताभ कांत का हीं विजन था जिन्हे गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने कार्यकाल में शुरुआत की थी।
आज हर वर्ष भारत के गांवों से लगभग 2 करोड़ की आबादी शहरों की ओर जा रही है। 2035 में भारत ग्रामीण देश नहीं लेकिन शहरी देश होगा। 50% से ज्यादा आबादी शहरों में रहती होगी। यानी अगले 15 वर्ष में और 30 करोड़ आबादी शहरों की खोज में होगी। निकट के भविष्य में हम 21 वीं सदी में जन्म लेने वाले Techno Savvy युवा वर्ग को ट्रेडिशनल और भाडभीड वाली सिटी से Skill employment देने वाली वर्ल्ड क्लास ग्लोबल Smart City की और जाते हुए देखेंगे। विश्व के विभिन्न देशों में Job के लिए गए हुए #NRI का भी रिवर्स माइग्रेशन होने वाला है। जो NRI वापस अपने देश में आएंगे वेह भविष्य में ऐसे ही स्मार्ट सिटी में रहना पसंद करेंगे जहां विदेशो में आज रहते हैं।
https://youtu.be/g-yhzQwhBkU Official video of Dholera Special investment region vision & futuristic view…..
एक तरीके से भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के ऐसे ही बड़े Industrial Corridor और Greenfield Global smart city जैसे प्रोजेक्ट भारत को कोरोना महामारी के आर्थिक संकट से बाहर भी निकालेंगे और पूरे विश्व में आर्थिक महासत्ता के तौर पर स्थापित भी करेंगे।
अस्तु।